बहुरूपदर्शी ( Kaleidoscope )

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बहुरूपदर्शी ( Kaleidoscope ) : इसमें समान लम्बाई तथा समान चौड़ाई के तीन आयताकारसमतल दर्पण इस प्रकार लगेरहते है कि दोदर्पणों के बीच 60 ° काकोण बनता है तीनोंदर्पणों के परावर्तक तलभीतर की ओर रहतेहैं और दर्पणों द्वाराघिरे स्थान में रंगीन काँच के कुछ टुकड़ेरहते हैं ये तीनोंदर्पण एक मोटी नलीके अन्दर लगे रहते हैं नली केएक सिरे पर शीशे कागोलाकार टुकड़ा लगा रहता है और दूसरेसिरे पर घिसे शीशेका टुकड़ा जब पारदर्शकशीशे वाले सिरे से नली मेंदेखते हैं , तो नली कोघुमाने से नईनईरंगीन आकृतियाँ दिखाई देती हैं ये आकृतियाँरंगीन काँच की प्रतिबिम्ब हैं, जो समतल दर्पणों से बार बारपरावर्तित होने के कारण बनतेहैं नली कोघुमाने से रंगीन काँपके टुकड़ों की स्थितियाँ बदलजाती हैं और इसीलिए आकृतियोंके रंग बदल जाते हैं

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