उत्सर्जन सजीवों में उपापचयी क्रियाओं के फलस्वरूप बनने वाले अनुपयोगी व अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने की क्रिया ही उत्सर्जन कहलाती है । शरीर के वे अंग जो अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने में सहायता करते हैं , उत्सर्जी अंग कहलाते है । उत्सर्जी पदार्थ 1. अमोनिया – प्रोटीन उपापचय में अमोनिया मूल […]
कंकाल तंत्र कंकाल तंत्र गति , चलन , उठने , बैठने आदि में सहायक होने के साथ अन्य कार्य भी करता है । यह कैल्शियम एवं फॉस्फेट का संचित भण्डार है । कंकाल आंतरिक अंगों को सुरक्षा व आलम्बन प्रदान करता है वयस्क मानव में 206 अस्थियाँ पायी जाती है । कंकाल दो भागों में […]
कोशिका ( Cell ) सेल (Cell) & (लैटिन शब्द का अर्थ है छोटा कमरा) सभी ज्ञात जीवित जीवों की बुनियादी संरचनात्मक, कार्यात्मक और जैविक इकाई है कोशिका को सर्वप्रथम 1665 में रॉबर्ट हुक ने कार्क के टुकड़े में देखा । उन्होंने एक माइक्रोस्कोप (Microscope) की मदद से कॉर्क स्लाइस (slices) में कोशिकाओं का अवलोकन किया। […]
हृदय एक पेशीय अंग होता है । यह वक्षगुहा में कुछ बांयी ओर दोनों फेफड़ों के मध्य फुफ्फुस मध्यावकाश में स्थित रहता है । यह दोहरे आवरण पेरीकार्डियम से घिरा रहता है । हृदय की भित्ति तीन स्तरों की बनी होती है । सबसे बाहरी एपीकार्डियम , मध्य मायोकार्डियम व भीतरी एण्डोकार्डियम कहलाता है । […]
परिसंचरण तंत्र प्राणियों में दो प्रकार के रूधिर परिसंचरण तंत्र पाये जाते है 1. खुला रक्त परिसंचरण तंत्र इस तंत्र में हृदय द्वारा धमनियों में रूधिर पम्प किया जाता है जो बड़ी गुहाओं या रूधिर कोटरों या अवकाशों में खुलती है । इसमें रक्त प्रवाह धीमा रहता है । उदाहरण कीट , मकड़ी , घोंघा […]
मानव प्रजनन तंत्र ( Human reproductive system ) : A. नर प्रजनन तंत्र ( Male reproductive system ) : – जनन कोशिका उत्पादित करने वाले अंग एवं जनन कोशिकाओं को निषेचन के स्थान तक पहुँचाने वाले अंग संयुक्त रूप से नर प्रजनन तंत्र कहलाते हैं । मानव के नर प्रजनन तंत्र में निम्नलिखित लैंगिक अंग […]
तंत्रिका तंत्र ( Nervous System ) केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र( Central N.S. ) परिधीय तंत्रिका तंत्र( Peripharal N.S. ) स्वायत तंत्रिका तंत्र ( Autonomus N.S. ) मस्तिष्क ( Brain ) कपालमेरूरज्जू कपाल तंत्रिकाएं ( 12 pair ) मेरू तंत्रिकाएं ( 31 pair ) अनुकम्पी ( Symphtic ) परानुकम्पी (Parasymphtic ) • मस्तिष्क –अस्थियों में सुरक्षित । […]
प्रतिजन व प्रतिरक्षी ( Antigen and antibody ) प्रतिजन वह बाहरी रोगाणु अथवा पदार्थ है जो शरीर में प्रविष्ट होने के पश्चात् बी- लसिका कोशिका ( B lymphocyte ) को प्रतिरक्षी उत्पादक प्लाज्मा कोशिका (Plasma cell) में रूपान्तरित कर प्रतिरक्षी उत्पादन हेतु प्रेरित करता है तथा विशिष्ट रूप से उस ही प्रतिरक्षी से अभिक्रिया करता […]
मानव का पाचक तंत्र ( Digestive System ) पाचन तंत्र ( Digestive System ) मानव भोजन के द्वारा शरीर के लिए आवश्यक ऊर्जा एंव कायिक पदार्थ प्राप्त करताहै। भोजन विभिन्न घटकों जैसे प्रोटीन , कोर्बोहाइड्रेट , वसा, विटामिन , खनिज व लवण आदि से बना होता है।भोजन में इनमें से अधिकतर घटक जटिल अवस्था में […]