भारतीय नागरिकता
भाग 2
प्रेरणा ब्रिटेन
अनुच्छेद 5 से 11
विश्व में दो प्रकार की नागरिकता ही होती है
एकहरी नागरिकता दोहरी नागरिकता
विश्व का प्रथम देश ब्रिटेन विश्व का प्रथम देश अमेरिका
भारत में केवल देश की नागरिकता
भारतीय नागरिकता अधिनियम 1995 के तहत किसी व्यक्ति को पांच प्रकार से नागरिकता दी जा सकते हैं
जन्म से
वंश से
पंजीकरण से
देशीकरण से
भूमि अर्जन से
जन्म से
26 जनवरी 1950 को या उसके पश्चात ऐसा व्यक्ति जिसका जन्म भारत में हुआ हो
1 जुलाई 1987 के बाद भारत में जन्मा कोई भी व्यक्ति भारत का नागरिक है यदि जन्म के समय उसके माता पिता ( दोनों या कोई एक ) भारत का नागरिक हो, वंश से भारत के बाहर अन्य देश में 26 जनवरी 1950 के पश्चात तथा 10 दिसंबर 1992 से पूर्व जन्म लेने वाला व्यक्ति भारत का नागरिक माना जाएगा यदि उसके पिता भारत के नागरिक हो 10 दिसंबर 1992 के बाद देश के बाहर अन्य किसी देश में जन्मा हुआ है तो वह तभी भारत का नागरिक बन सकेगा यदि उसके जन्म के समय माता-पिता में से कोई भारतीय नागरिक हो
पंजीकरण से
वह स्त्री जिनका विवाह भारत के किसी नागरिक के साथ हुआ है वह भारत की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकती हैं
देशीकरण के द्वारा नागरिकता प्राप्ति
कोई भी विदेशी व्यक्ति भारत सरकार से निर्धारित प्रमाण पत्र पर देशीकरण के लिए आवेदन का पत्र दे सकता है कुछ निर्धारित शर्तों के आधार पर केंद्रीय सरकार द्वारा संतुष्ट होने के पश्चात आवेदन कर्ता को देसीकरण का प्रमाण पत्र दिया जा सकता है
भूमि अर्जन से भारत की नागरिकता
यदि किसी राज्य क्षेत्र को भारत में शामिल किया जाता है तो उस चेत्र में निवास करने वाले व्यक्ति को भारत की नागरिकता प्राप्त होगी गोवा दमन दीप पांडिचेरी तथा सिक्किम के राज्य क्षेत्र में निवास करने वाले व्यक्ति को भारत में विलय पर इसी प्रकार से नागरिकता प्राप्त हुई थी
भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 में अब तक 5 बार संशोधन हो चुका है
1986 राजीव गांधी
1992 नरसिम्हा राव
2003 अटल बिहारी वाजपेई
2005 मनमोहन सिंह
2015 नरेंद्र मोदी
निम्न प्रकार से भारत की नागरिकता रद्द भी की जा सकती है
स्वयं नागरिकता त्यागपत्र देने पर
भारतीय संविधान का उल्लंघन करने पर
विदेशी नागरिकता ग्रहण करने पर
अवैध नागरिकता ग्रहण करने पर
यदि कोई भारतीय लड़की विदेशी लड़के से शादी करें और विदेश में रहने लगजाए तो
संसद द्वारा नागरिकता संशोधन कानून पारित किया जिससे 12 दिसंबर 2019 से लागू कर दिया इस अधिनियम के अनुसार पाकिस्तान अफगानिस्तान और बांग्लादेश से जो लोग गैर कानूनी तरीके से भारत में घुसे या बसे हैं उनमें जो मुसलमान है उन्हें विदेशी घुसपैठियों मानकर उस पर कार्यवाही की जाएगी और गैर मुस्लिम के खिलाफ नहीं गैर मुस्लिम को बिना किसी सबूत के भारत का नागरिक मान लिया जाएगा इस नागरिकता संशोधन बिल सीएबी के द्वारा पाकिस्तान बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक आधार पर प्रताड़ना झेलने वाले क्षेत्रों के लोगों को फायदा होगा जिसमें हिंदू बौद्ध जैन पारसी और ईसाई धर्म के लोग शामिल है जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत आ चुके थे
राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर एनआरसी इस रजिस्टर में नाम लिखवाने के लिए केवल राशन कार्ड या आधार कार्ड ही काफी नहीं होगा बल्कि भारत में रहने वाले सभी नागरिकों को यह साबित करना होगा कि वह भारत के नागरिक है इस संबंध में उन्हें प्रयाग सबूत देने होंगे
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर एनपीआर 24 दिसंबर 2019 को भारत सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून व राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर एनआरसी के देश भर में चल रहे विरोध के बीच ही राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर एनपीआर अपडेट करने को मंजूरी दे दी है यह कानून असम को छोड़कर अप्रैल से सितंबर 2020 तक संपूर्ण देश में लागू हो जाएगा सरकार के अनुसार इसका उद्देश्य सरकारी योजनाओं के सही क्रियान्वयन एवं भविष्य के हिसाब से योजनाओं का आकार और अन्य फैसलों के लिए आधार डाटा तैयार करना है
निम्न प्रकार से भारत की नागरिकता रद्द भी की जा सकती है
स्वयं नागरिकता त्यागपत्र देने पर
भारतीय संविधान का उल्लंघन करने पर
विदेशी नागरिकता ग्रहण करने पर
अवैध नागरिकता ग्रहण करने पर
यदि कोई भारतीय लड़की विदेशी लड़के से शादी करें और विदेश में रहने लगजाए तो
संसद द्वारा नागरिकता संशोधन कानून पारित किया जिससे 12 दिसंबर 2019 से लागू कर दिया इस अधिनियम के अनुसार पाकिस्तान अफगानिस्तान और बांग्लादेश से जो लोग गैर कानूनी तरीके से भारत में घुसे या बसे हैं उनमें जो मुसलमान है उन्हें विदेशी घुसपैठियों मानकर उस पर कार्यवाही की जाएगी और गैर मुस्लिम के खिलाफ नहीं गैर मुस्लिम को बिना किसी सबूत के भारत का नागरिक मान लिया जाएगा इस नागरिकता संशोधन बिल सीएबी के द्वारा पाकिस्तान बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक आधार पर प्रताड़ना झेलने वाले क्षेत्रों के लोगों को फायदा होगा जिसमें हिंदू बौद्ध जैन पारसी और ईसाई धर्म के लोग शामिल है जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत आ चुके थे
राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर एनआरसी इस रजिस्टर में नाम लिखवाने के लिए केवल राशन कार्ड या आधार कार्ड ही काफी नहीं होगा बल्कि भारत में रहने वाले सभी नागरिकों को यह साबित करना होगा कि वह भारत के नागरिक है इस संबंध में उन्हें प्रयाग सबूत देने होंगे
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर एनपीआर 24 दिसंबर 2019 को भारत सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून व राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर एनआरसी के देश भर में चल रहे विरोध के बीच ही राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर एनपीआर अपडेट करने को मंजूरी दे दी है यह कानून असम को छोड़कर अप्रैल से सितंबर 2020 तक संपूर्ण देश में लागू हो जाएगा सरकार के अनुसार इसका उद्देश्य सरकारी योजनाओं के सही क्रियान्वयन एवं भविष्य के हिसाब से योजनाओं का आकार और अन्य फैसलों के लिए आधार डाटा तैयार करना है