थॉमसन का परमाणु मॉडल ( Atomic model of thomson )
अब तक इलेक्ट्रॉन वप्रोटॉन की खोज होचुकी थीं । परमाणु मेंइन इलेक्ट्रॉन व प्रोटॉन कीआन्तरित संरचना को समझने केलिए मॉडल विकसित किए जा रहे थे। परमाणु संरचना संबधी पहला मॉडल सन् 1898 में सर जे.जेथामसन ने प्रस्तुत कियाथा । उनके अनुसारपरमाणु 10-10 मीटर के आकार काएक घनावेशित गोला होता है । जिसमेंसमान मात्रा में ऋणावेशिंत इलेक्ट्रॉन वितरित होते है । इसेप्लम पुडिंग मॉडल भी कहा जातहै । यह एकप्रकार का क्रिसमस केकहै यहाँ धनावेश को पुडिंग कीतरह माना गया है , जिसमें इलेक्ट्रॉन प्लम की तरह लगेहोते है । इसेभारतीय परिप्रेक्ष्य में बूंदी के लड्डू यातरबूज की तरह भीसमझा जा सकता है। तरबूज का लाल भागधनावेश की तरह तथामध्य में लगे बीज इलेक्ट्रॉन की तरह होतेहै । इस मॉडलमें थॉमसन ने स्पष्ट कियाथा कि परमाणु मेंधनावेश तथा ऋणावेश की मात्रा समानहोती है तथा परमाणुवैद्युतीय रूप से उदासीन होतेहै ।
इससिद्धान्त से परमाणु काविद्युतीय रूप से उदासीन होनातो स्पष्ट हो गया परन्तुआगे यह प्रतिरूप रदरफोर्डके स्वर्ण पत्र प्रयोग को नहीं समझासका । अतः यहसिद्धांत शीध्र ही निरस्त करदिया गया और केवल ऐतिहासिकमहत्व का रह गया।