उपग्रह (Satellite)
किसी ग्रह (Planet) के चारों ओर परिक्रमा करने वाले पिण्ड को उस ग्रह का उपग्रह (Satellite) कहते हैं। चन्द्रमा, पृथ्वी का प्राकृतिक उपग्रह है, जबकि INSAT-B, पृथ्वी का कृत्रिम उपग्रह है।
उपग्रह की कक्षीय चाल कक्षीय त्रिज्या पर निर्भर करती है। पृथ्वी तल के अति निकट चक्कर लगाने वाले उपग्रह की कक्षीय चाल लगभग 7.9 या 8 किमी/से होती है।
. पृथ्वी के अति निकट चक्कर लगाने वाले उपग्रह का परिक्रमण काल 84 मिनट होता है।




साउण्डिंग रॉकेट
इनका कार्य यन्त्रों को पृथ्वी के बाह्य वायुमण्डल तथा पृथ्वी के नजदीकी अन्तरिक्ष में ले जाना है। इनमें यन्त्रों द्वारा ताप और दाब के साथ-साथ अन्तरिक्ष के विकिरणों का भी आकलन किया जा सकता है।
भू-स्थायी उपग्रह पृथ्वी तल से लगभग 36000 किमी की ऊँचाई पर रहकर पृथ्वी का परिक्रमण करता है। भू-स्थायी उपग्रह पृथ्वी के अक्ष के लम्बवत् तल में पश्चिम से पूरब की ओर पृथ्वी की परिक्रमा करता है तथा इसका परिक्रमण काल पृथ्वी के परिक्रमण काल (24 घण्टे) के बराबर होता है।
भू-तुल्यकालिक कक्षा (Geo synchronous orbit) में संचार उपग्रह स्थापित करने की सम्भावना सबसे पहले ऑर्थर सी क्लार्क ने व्यक्त की।
तुल्यकाली उपग्रह का उपयोग रेडियो प्रसारण तथा मौसम सम्बन्धी भविष्यवाणी के लिए किया जाता है।
कृत्रिम उपग्रह के अन्दर प्रत्येक वस्तु भारहीनता की
स्थिति में होती है।
पलायन वेग
- पलायन वेग (Escape Velocit) वह न्यूनतम वेग है,
जिससे किसी पिण्ड को पृथ्वी की सतह से ऊपर की ओर.
फेंके जाने पर वह गुरुत्वीय क्षेत्र को पार कर जाता है तथा कभी वापस नहीं आता है। इसका मान पृथ्वी तल पर 11.2 किमी/से होता है।
• चन्द्रमा पर पलायन वेग 2.38 किमी/से है, जिसके कारण वहाँ वायुमण्डल का अभाव है।