भन्दै बालाजी मंदिर(Bhanda Balaji ka Mandir)
भन्दै बालाजी की प्रतिमा इस स्थान :-
बालाजी अजमेर रोड के पास में जो जयपुर से 45 किलोमीटर दूर है यह मंदिर बोराज गांव से 8 किलोमीटर दूर है
1 माह के शुक्ल पक्ष के पहले मंगलवार को यहां पर विशाल मेले का आयोजन किया जाता है यहां पर लाखों श्रद्धालु इस मेले में आते हैं
भन्दै बालाजी की प्रतिमा इस स्थान पर अनुमानतः संवत 1752 के समय से है ।
यह प्रतिमा एक बंजारे परिवार द्वारा लाई गई थी ।
बंजारे सांभर से नमक लादकर इस स्थान से होकर आगे नमक बेचने जाया करते थे ।
वे इस स्थान को अधिक सुविधाप्रद मानकर मार्ग में यहाँ रात्रि में विश्राम करते थे ,
जिस बंजारे के पास यह प्रतिमा श्री उसने एक रात्रि को यह प्रतिमा अपनी नमक की गूण से बाहर निकालकर आंगन में रख दी ।

जब प्रात बंजारे ने इस प्रतिमा को पुनः उठाकर अपने साथ ले जाना चाहा
किन्तु यह बालाजी की प्रतिमा अपने स्थान से हिली भी नहीं ।
बालाजी ने यह बात बंजारे को स्वप्न में दरसाई ।
मैं यहीं रहुगा , “हे बंजारे हटू न कोई हटाई “ वह प्रतिमा यही प्रतिष्ठित हुई और तब से यही स्थान भन्दे बालाजी के नाम से प्रसिद्ध हुआ
इस मंदिर की गरिमा बहुत ही अनोखी है
यहां पर श्रद्धालु दर्शन करने के लिए दूर-दूर से आते हैं