इल्तुतमिश

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 इल्तुतमिश

1210 ईस्वी से 1236 ईस्वी तक
यह दिल्ली सल्तनत का वास्तविक संस्थापक था

इसके द्वारा अपने राज्य में निम्न सुधार किए गए थे –
  1. इकता प्रथा यह कर वसूलने की प्रथा थी जिसके तहत उपजाऊ भूमि बड़ी  इकता से  कर वसूला जाता था 
  2.  मुद्रा सुधार – तांबे का जितल तथा चांदी का टंका नामक सिक्के  चलाएं ( टंका=  चांदी का सिक्का 175 ग्रेम; 1 टंका = 1 तोला ; एक तोला = 10 ग्राम ;  जीतल=  तांबा का सिक्का ; 48 जितल = 1 टंका)
  3.  चालीसा दल  इल्तुतमिश के द्वारा अपने दरबार में 40  सेठ सलाहकार का एक दल स्थापित किया था जिसे चालीसा दल कहा जाता है इल्तुतमिश के समय इसका प्रमुख सदस्य बलवंत था
  4. उसने राजपूताना तथा मालवा के राज्यों को अपने अधीन किया  1234 से 35 ईसवी में उज्जैन पर आक्रमण कर महाकाल मंदिर को लूटा।
  5. उसने दिल्ली में एक मदरसे का निर्माण भी करवाया। 

इल्तुतमिश दिल्ली सल्तनत का प्रथम ऐसा शासक था जिसके द्वारा खलीफा से मान्यता प्राप्त की गई थी

कुतुब मीनार की डिजाइन वह निव कुतुबुद्दीन ऐबक के द्वारा डाली गई थी परंतु इसका निर्माण इल्तुतमिश के द्वारा करवाया गया

इल्तुतमिश की मृत्यु के बाद रजिया बेगम यहां के शासक बने

Er. Dinesh

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