परिसंचरण तंत्र

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परिसंचरण तंत्र

प्राणियों में दो प्रकार के रूधिर परिसंचरण तंत्र पाये जाते है

1. खुला रक्त परिसंचरण तंत्र

इस तंत्र में हृदय द्वारा धमनियों में रूधिर पम्प किया जाता है जो बड़ी गुहाओं या रूधिर कोटरों या अवकाशों में खुलती है । इसमें रक्त प्रवाह धीमा रहता है ।

उदाहरण कीट , मकड़ी , घोंघा , सीपी आदि ।

2. बन्द रक्त परिसंचरण तंत्र

इस तंत्र में हृदय रूधिर को उच्चदाब पर धमनियों में पम्प करता है । धमनियाँ रूधिर कोशिकाओं में विभाजित हो जाती है , रूधिर एवं अन्तराली तरल के मध्य पदार्थों का अभिगमन कोशिकाओं की भित्ति से होता है । कोशिकाओं से रूधिर शिराओं से होता हुआ हृदय में लौटता है । उदाहरण मोलस्का , ऐनेलिडा वर्ग में व सभी कशेरूकी प्राणियों में ।

रूधिर ( Blood ) :

रूधिर एक तरल संयोजी ऊतक होता है । यह एक श्यान तरल है जो दो भागों में बँटा होता है ( 1 ) प्लाज्मा ( 2 ) रूधिर कणिकायें । रक्त शरीर का 7-8 प्रतिशत भाग बनाता है । स्वस्थ वयस्क मनुष्य में रक्त की मात्रा 5-6 लीटर होती है । यह हल्का क्षारीय ( PH – 7.4 ) होता है ।

1 . प्लाज्मा :-

रूधिर का द्रव भाग को प्लाज्मा कहते है । यह हल्के पीले रंग का क्षारीय तरल है । रूधिर आयतन का 55 % भाग प्लाज्मा होता है । इसमें 90 प्रतिशत जल व 10 प्रतिशत विभिन्न कार्बनिक व अकार्बनिक पदार्थ पाये जाते हैं ।

2. रूधिर कणिकायें :-

रूधिर कणिकायें प्लाज्मा में तैरती हुई अवस्था में पाई जाती है । रूधिर आयतन का 45 % भाग कणिकायें होती है । रूधिर कणिकाओं की प्रतिशतता को हीमेटोक्रीट कहते हैं । ये तीन प्रकार की होती है ( 1 ) लाल रूधिर कणिकायें ( 2 ) श्वेत रूधिर कणिकाये ( 3 ) रूधिर पटिट्काणु

( 1 ) लाल रूधिर कणिकाये ( रक्ताणु )

वृत्ताकार डिस्करूपी व Biconcave होती है । इसके अंदर कोलॉइडी आधात्री में हीमोग्लोबिन प्रोटीन पाई जाती है । यह श्वसन रंजक का कार्य करती है इसका निर्माण अस्थिमज्जा में होता है । परंतु भ्रूण अवस्था में आरबीसी का निर्माण Liver and Spleen में होता है । RBC की मृत्यु ( RBC की कब्र ) – Liver और Spleen

( 2 ) श्वेत रूधिर कणिकायें ( श्वेताणु )

ये केन्द्रक युक्त होती है । इनका निर्माण भी अस्थिमज्जा में होता है । ये अमीबीय गति करती है । ये न्यूट्रोफिल , इयोसिनोफिल , बेसोफिल , मोनोसाइट्स व लिम्फोसाइट्स प्रकार की होती प्लाज्मा में रूधिर प्रदान AB -3 ) रूधिर पट्टिकाणु ये बहुत ही छोटे होते है । ये अनियमित आकृति की होती है । इनमें केन्द्रक का अभाव होता है । इनका निर्माण अस्थिमज्जा में होता है ।

रूधिर समूह ( Blood Group ) :-

एन्टीजन के आधार पर रक्त समूह निम्न प्रकार के है A , B , AB , O मानव रूधिर समूह ( ABO तंत्र ) रक्ताणु पर रक्त रूधिर उपस्थित उपस्थित आदान – एन्टीजन एन्टीबॉडी 0 अनुपस्थिति a व b दोनों O A , B , AB , O A A B A.O A , AB B B A BO B , AB AB A व B दोनों एण्टीबॉडी अनुपस्थिति A , B , AB , O रक्त समूह 0 सर्वदाता व रक्तसमूह AB सर्वग्राही जाता है ।

RBC की कमी

एनीमिया RBC की अधिकता – पॉलिसाइथेनिया

WBC की कमी

ल्यूकोपेनिया

WBC की अधिकता

ल्यूकेमिया ( ब्लड कैंसर )

भ्रूणावस्था में RBC का निर्माण यकृत ( लीवर ) व प्लीहा ( Spleen ) ( RBC का कब्रीस्तान ) में होता है ।

ऊँट व लामा दोनों की RBC में केन्द्रक पाया जाता है । 8

RBC की सर्वाधिक जीवन अवधि

कुत्ते में ( 145 दिन ) मानव रुधिर में हिमोग्लोबिन की मात्रा 14 से 16 gm./100 ml ( male ) . 12-14 gm . / 100 ml ( female ) हिमोग्लोबिन में आयरन Fe तत्त्व पाया जाता है ।

RBC का कब्रिस्तान – प्लीहा ।

शरीर का ब्लड बैंक – प्लीहा ।

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