शेरखाँ का असली नाम फरीद था उसे शेर खान की उपाधि बाहार खा लोदी ने दी थी
मुद्रा सुधार
रुपया – चांदी
दाम – तांबे
1544 इसी में मेवाड़ पर आक्रमण मालदेव
मालदेव के सैनिक नेता व
शेरशाह ने कहा – मैं मुट्ठी भर बाजरे की खातिर भारत की बादशाह खो देता
ग्रैंड ट्रंक रोड का निर्माण करवाया
वास्तविक नाम सड़क ए आजम
रोहेतगढ़ से सुनारगढ़ तक
कुल लंबाई 1500 कोस
स्थापत्य कला
रोहवास गढ़ दुर्ग पंजाब में
शेरमंडल दुर्ग दिल्ली
शेरशाह का मकबरा सासाराम बिहार मे
इस मकबरे को मध्यकालीन भारत की स्थापत्य कला की दृष्टि से सुंदर इमारत माना जाता है
शेरशाह की मृत्यु के बाद शेर साम्राज्य 3 साम्राज्य में विभाजित हो गया
1:- सिकंदर शाह सुरी दिल्ली व पंजाब
2:- आदिल शाह सुरी बिहार
3:- मोहम्मद शाह सुरी बंगाल