वर्गीकरण ( Classification )
तत्वोंका वर्गीकरण वैज्ञानिको के अनेक वर्षोंके प्रयोगों तथा परिकल्पनाओं का परिणाम है। सर्वप्रथम इस श्रेणी मेंडोबराइनर का नाम आताहै । सन् 1829 मेंउन्होने तीन – तीन तत्वों के समूह बनाएजिनके भौति रासायनिक गुण समान थे । इन्हेंडोबरराइनर के त्रि कहाजाता है । इससमूह में मध्य वाले तत्व का परमा शेषदो तत्वों के परमाणु भारके औसत के लगभग बरानतथा गुण भी दोनों तत्वोंके गुणधर्मो के मध्य केथे ।
सारणी:-डोबराइनरकेत्रिक
तत्व | परमाणुभार |
Li | 7 |
Na | 23 |
K | 39 |
Ca | 40 |
Sr | 88 |
Ba | 137 |
Cl | 35 |
Br | 80 |
I | 127 |
डोबरॉइनरऐसे केवल तीन त्रिक ही ज्ञात करसके । आगे यहनियम अनुपयुक्त रहा ।
इसकेपश्चात् अंग्रेज रसायनज्ञ एलेक्जेंडरन्यूलैंडने सन् 1865 में अष्टक नियम( Law of octaves ) दिया। उन्होंने तत्वों को उनके बढ़तेहुए परमा के क्रम मेंव्यवस्थित किया तथा पाया कि आठवें तत्वके गुण पहले तत्व के समान थे। जैसे कि संगीत में( सा रे गा मानि सा ) सात स्वरों बाद आठवाँ स्वर पहले स्वर जैसा ही आता है।
सारणी :- न्यूलैंडकेअष्टक
तत्व | परमाणु – भार |
Li | 7 |
Be | 9 |
B | 11 |
C | 12 |
N | 14 |
O | 16 |
F | 19 |
Na | 23 |
Mg | 24 |
Al | 27 |
Si | 28 |
P | 31 |
S | 32 |
Cl | 35.5 |
K | 39 |
Ca | 40 |
यहनियम भी Ca के आगे केतत्वों के लिए उपयुक्तसिद्ध नहीं हुआ । इसके बादकई वैज्ञानिको ने वर्गीकरण केकार्य को आगे बढ़ाया। इनमें रूसी वैज्ञानिक दमित्री मेंडेलीफ एवं लोथर मेयर ने स्वतंत्र रूपसे आवर्त सारणी के रूप मेंवर्गीकरण को विकसित किया।