भारत छोड़ो आंदोलन 14 मार्च 1942 ई
गांधी जी के द्वारा भारत छोड़ो आंदोलन को प्रारंभ करने हेतु कांग्रेस कार्यकारिणी की विशेष मीटिंग वर्धा महाराष्ट्र में आयोजित की गई
इस मीटिंग में गांधी जी के नेतृत्व में भारत छोड़ो आंदोलन प्रारंभ किया जाएगी संबंधित वर्धा प्रस्ताव जारी किया गया
इस प्रस्ताव को बाद में स्वीकृति 7 अगस्त 1942 ईस्वी को कांग्रेस के मुख्य अधिवेशन मुंबईमैं मौलाना अब्दुल कलाम आजाद की अध्यक्षता में प्रदान की गई।
8 अगस्त 1942 ईस्वी को गांधी जी के द्वारा इस आंदोलन का नेतृत्व किया गया
इस आंदोलन के दौरान गांधीजी ने ग्वालियर टेंट मैदान में भारतीय जनता को संबोधित किया था करो या मरो का नारा दिया था।
गांधीजी की गिरफ्तारी के पश्चात इस आंदोलन का नेतृत्व
जेपी नारायण
अरूण आसफ अली
राम मनोहर लोहिया
महत्वपूर्ण तथ्य –
1944 ईस्वी में चक्रवर्ती राजगोपालाचारी के द्वारा कांग्रेसमें मुस्लिम लीग के मुद्दे आपसी समझौता करवाने की दृष्टि से जो योजना प्रस्तुत की गई थी उसे सी आर फार्मूला कहते हैं
सी ऑल फार्मूला के तहत 25 जून 1945 ईस्वी को कांग्रेसमें मुस्लिम लिंग के मध्य एक संयुक्त सम्मेलन शिमला में आयोजित किया गया था जिसे ही शिमला सम्मेलन कहा जाता है
इस सम्मेलन में कांग्रेस की अध्यक्षता मौलाना अब्दुल कलाम ने की थी
जब किसी मुस्लिम लिंग की अध्यक्षता मोहम्मद जिन्ना ने किया था
परंतु यह है सम्मेलन भी भारत में प्रशासनिक सुधार करने में सफल रहा।
14 जून 1945 ईस्वी को भारत गवर्नर जनरल लॉर्ड वेवल के द्वारा भारत में प्रशासनिक समस्याओं के समाधान हेतु एक योजना प्रस्तुत की थी जिसे वेवेल योजना कहते हैं