1. डाल्टन का परमाणु सिद्धांत ( Atomic theory of dalton )
सन्1808 में जॉन डॉल्टन नाम के ब्रिटिश स्कूलअध्यापक ने परमाणु कीव्याख्या करने के लिए एकसिद्धांत दिया । यह परमाणुसिद्धांत रासायनिक संयोजन , द्रव्यमान संरक्षण एवं निश्चित अनुपात था ।
इसकेमुख्य अभिगृहित निम्न है
A. प्रत्येकपदार्थ छोटे – छोटे कणों से मिलकर बनाहोत
ा है , जिन्हे परमाणु ( atoms ) कहते है ।
B. परमाणुअविभाज्य कण होते है
C. एकही तत्व के सभी परमाणुसमान अर्थात् भार , आकार व रासायनिक गुणधर्मोंमें समान होते है ।
D. भिन्न– भिन्न तत्वों के परमाणु भार, आकार व रासायनिक गुणधर्मोमें भिन्न – भिन्न होते है ।
E. अलग– अलग तत्वों के परमाणु सदैवछोटी – छोटी पूर्ण संख्याओं के सरल अनुपातमें संयोग कर यौगिक बनातेहै ।
F. रासायनिकअभिक्रियाओं में परमाणु केवल पुनर्व्यस्थित होते है । इन्हेरासायनिक अभिक्रिया द्वारा न तो बनायाजा सकता है , न ही नष्टकिया जा सकता है।
डॉल्टनका परमाणु सिद्धांत बहुत सारे तथ्यों की व्याख्या नहींकर पाया परन्तु इसके द्वारा परमाणु के बारे मेंवैज्ञानिक तथा प्रायोगिक तथ्यों के आधार परअग्रिम अन्वेषणों की पुख्ता नींवरखी गई । 19 वींशताब्दी के अंत तकयह ज्ञात हुआ कि परमाणु मेंकुछ और छोटे – छोटेकण भी विद्यमान होतेहै । इन अवपरमाण्विककणो की उपस्थिति केकारण परमाणु संरचना में और संशोधन