चंद्रगुप्त मौर्य
चंद्रगुप्त मौर्य ने अपने साम्राज्य विस्तार की नीति के तहत सर्वप्रथम उत्तरी भारत पर अधिकार किया।
इस कारण चंद्रगुप्त मौर्य को भारत का प्रथम ऐतिहासिक सम्राट कहा जाता है जबकि मौर्य साम्राज्य को प्रथम ऐतिहासिक साम्राज्य कहां जाता है।
ए पी यानस के वर्णन के अनुसार
चंद्रगुप्त मौर्य ने मध्य एशिया के सम्राट सेल्यूकस पर आक्रमण किया था
सेल्यूकस पराजित हुआ तथा सेल्यूकस ने चंद्रगुप्त मौर्य को संधि का प्रस्ताव रखा
जिसकी निम्न सरते थी
- सेल्यूकस अपनी पुत्री हेलेना का विवाह चंद्रगुप्त मौर्य के साथ करवाया
- सलूकस का प्रतिनिधि मेगास्थनीज चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में रहेगा
- मेगास्थनीज 4 प्रांत चंद्रगुप्त मौर्य को दहेज स्वरूप दिए
- 1. एरिया (हेरात)
2. अराकोशिया(कंधार)
3. जेड्रोशिया (मकरान तट, ब्लूचिस्तान)
4. पेरीपेमिषदाई (काबुल) - चंद्रगुप्त मौर्य में 500 हाथी को उपहार स्वरूप से रूपस को प्रदान किए क्योंकि मंगध के हाथी प्रसिद्ध थे।
चंद्रगुप्त मौर्य ने जैन मुनि भद्रबाहु से जैन धर्म की दीक्षा ग्रहण की थी।
चंद्रगुप्त मौर्य ने 298 ईसा पूर्व में श्रवणबेलगोला कर्नाटक मैदे हत्या किया था संधारा प्रथा से।