आधुनिक आवर्त्त – सारणी ( Modern periodic table )
मैण्डलीफ ने जब आवर्तसारणी का निर्माण कियाथा
तब परमाणु मेंअवपरमाणुक कणों ( e , p , n ) की व्यवस्था कीजानकारी नहीं थी । अतःउन्होने परमाणु भार को मुख्य गुणमाना ।
बीसवीं सदी के प्रारंभ मेंइलेक्ट्रॉन प्रोटॉन व न्यूट्रॉन कीजानकारी के बाद सन1913 में हेनरी मोजले ने आवर्त सारणीको पुनः व्यवस्थित किया । उन्होनें पायाकि परमाणु भार की तुलना मेंपरमाणु क्रमांक आवर्त सारणी में तत्वों को ज्यादा अच्छीतरह से प्रदर्शित करतेहै । इस प्रकारमोजले ने एक संशोधितआवर्त नियम दिया जिसके अनुसार ” तत्वो के भौतिक तथारासायनिक गुणधर्म उनके परमाणु क्रमांको के आवर्ती फलनहोते है । ” इसेआधुनिक आवर्त्त – नियम कहते है ।
आधुनिक आवर्तसारणी में तत्वों को बढ़ते हुएपरमाणु क्रमांक के आधार पररखा गया है । उदासीनपरमाणु में परमाणु क्रमांक अर्थात् नाभिक में उपस्थित प्रोटोन की संख्या उसमेंउपस्थित इलेक्ट्रॉन की कुल संख्याके बराबर होती है । अतःयह आवर्तसारणी स्वंय ही तत्वों केइलेक्ट्रानिक विन्यास का भी प्रतिनिधित्वकरती है । आवर्तसारणीका यह रूप बहुतही सरल तथा मैण्डेलीफ की आवर्त सारणीकी तुलना में ज्यादा विस्तृत है । इसेआवर्तसारणी का दीर्घ यालम्बा रूप ( Extendedor long formof periodic tabe ) भीकहा जाता है
इसआवर्त सारणी में क्षैतिज पंक्तियाँ आवर्त ( Period ) तथा उर्ध्वाधर स्तम्भ वर्ग ( Group ) कहलाते है । वर्गोंकी संख्या 18 तथा आवत्तों की संख्या 1 से7 तक होती है । आवर्त्तमुख्य ऊर्जा स्तर n अर्थात् कोश को निरूपित करतेहै । प्रथम आवर्तमें दो तत्व होतेहै । इसे अतिलघुआवर्तकहते है । द्वितीयतथा तृतीय आवर्त में 8-8 तत्व है , इन्हे लघु आवर्त कहते है । चतुर्थव पंचम आवर्त में d कक्षक भी सम्मिलित होजाते है । इनदोनों आवर्ता में 18-18 तत्व होते है । इन्हेदीर्घ आवर्त कहते है । छठेव सातवें आवर्त में किक्षक भी प्रारंभ होजाते अतः इनमें 32-32 तत्व होते है । इन्हेअति दीर्घ आवत भी कहते है। हालांकि f- ब्लॉक के एक – एकप्रारूपिक तत्व को आवर्तसारणी मेंलिखकर दो क्षैतिज पंक्तियोंमें अलग से 14-14 तत्वों दर्शाया जाता है । इनमेंपहली पंक्ति के तत्व लेन्थेनाइडव दूसरी पंक्ति के तत्व एक्टिनॉइडकहलाते है ।
इस आवर्तसारणी मेंयह तो स्पष्ट हैकि एक ही ऊर्ध्वाधरस्तंभ अर्थात् एक ही वर्गमें तत्वों के बाह्यतम कोशोंके इलेक्ट्रानिक विन्यास समान होते है । एकही वर्ग के इन सभीतत्वों में संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की संख्या अर्थात्बाह्यतम कोश में उपस्थित इलेक्ट्रॉन की संख्या समानहोती है । उसीवर्ग में ऊपर से नीचे जानेपर केवल कोशो की संख्या बढ़तीजाती है । बाह्यतमकोश में भरे गए अंतिम इलेक्ट्रॉनके आधार पर इन तत्वोंको चार ब्लॉक में वर्गीकृत किया जाता है । वर्ग1 व 2 को ब्लॉक तत्व, वर्ग 13 से 18 तक p ब्लाक तत्व , वर्ग 3 से 12 तक d ब्लाक तत्व तथा नीचे की दोनों क्षैतिजपंक्तियों को ब्लिॉक केतत्व कहा जाता है । क्षैतिजपंक्तियों में पहली पंक्ति के तत्व ( 4f श्रेणी) लैंथेनम के बाद आतेहै अतः इन्हे लैन्थेनाइड कहा जाता है । दूसरीपंक्ति के तत्व ( 5f श्रेणी) एक्टीनियम के बाद आतेहै अतः इन्हें एक्टिनाइड कहा जाता है । 5 ब्लॉकके तत्वों क्षारीय एंव क्षारीय मृदा घातु , p ब्लॉक के तत्वों कोनिरूपक तत्व या मुख्य तत्व, d- ब्लॉक के तत्वों कोसंक्रमण तत्व तथा f- ब्लॉक के तत्वों कोअन्तः संक्रमण तत्व कहा जाता है । आवर्तआरणी में यूरेनियम के बाद केतत्वों को परायूरेनियम तत्वभी कहा जाता है । इसप्रकार इस आवर्तसारणी मेंबाँयी ओर विघुत धनीधात्विक तत्व तथा दाहिनी ओर विघुत ऋणीअधात्विक तत्व आ जाते है। B , Si , As , Te और At के नीचे खींचीगई टेढ़ी – मेढ़ी सीढ़ीनुमा रेखा धातु व अधातु कीसीमा बनाती है । इनतत्वों को उपधातु भीकहते है ।