मकर संक्रांति (makar sankranti )
मकर संक्रांति 2024 में 15 जनवरी, सोमवार को मनाई जाएगी। इस दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है। मकर संक्रांति का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन से सूर्य उत्तरायण होता है, जिससे दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती हैं। यह शुभ समय माना जाता है और इसे मोक्ष प्राप्ति के लिए अनुकूल माना जाता है।
मकर संक्रांति के दिन लोग सुबह-सुबह स्नान करते हैं, मंदिरों में दर्शन करते हैं, खिचड़ी और तिल के लड्डू खाते हैं, और दान-पुण्य करते हैं। मकर संक्रांति को कई जगहों पर पतंगबाजी के त्योहार के रूप में भी मनाया जाता है।
मकर संक्रांति: सूर्य के उत्तरायण का पावन पर्व
मकर संक्रांति भारत और नेपाल में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्यौहार है, जो हर साल 14 जनवरी को पौष मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करता है, जिसका ज्योतिषीय और धार्मिक दोनों ही दृष्टियों से बहुत महत्व है।
मकर संक्रांति का महत्व
- सूर्य के उत्तरायण का प्रारंभ: इस दिन से सूर्य उत्तरायण हो जाता है, जिससे दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती हैं। यह शुभ समय माना जाता है और इसे मोक्ष प्राप्ति के लिए अनुकूल माना जाता है।
- नई फसल का स्वागत: मकर संक्रांति को कई क्षेत्रों में नई फसल के आगमन का उत्सव माना जाता है। इस दिन लोग भगवान को नए अनाज का भोग लगाते हैं और खिचड़ी, तिल गुड़ के लड्डू, आदि पकवान बनाकर खुशियां मनाते हैं।
- दान-पुण्य का महत्व: मकर संक्रांति पर दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है। इस दिन लोग गरीबों और जरूरतमंदों को दान देते हैं, जो धार्मिक रूप से शुभ माना जाता है।
- पतंगबाजी का त्यौहार: मकर संक्रांति को कई जगहों पर पतंगबाजी के त्यौहार के रूप में भी मनाया जाता है। लोग रंग-बिरंगी पतंग उड़ाते हैं और आनंद लेते हैं।
विभिन्न क्षेत्रों में मकर संक्रांति के नाम और उत्सव
- पोंगल: तमिलनाडु में मकर संक्रांति को पोंगल के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान सूर्य को नए अनाज का भोग लगाया जाता है और घरों को रंगोली से सजाया जाता है।
- लोहड़ी: पंजाब में मकर संक्रांति से एक दिन पहले लोहड़ी का त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन लोग अलाव जलाते हैं, गिद्दा-भांगड़ा करते हैं और खुशियां मनाते हैं।
- माघ बिहू: असम में मकर संक्रांति को माघ बिहू के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोग पारंपरिक व्यंजन बनाते हैं, पूजा-पाठ करते हैं और पशुओं को सजाते हैं।
मकर संक्रांति के दिन की जाने वाली कुछ परंपराएं
- स्नान: मकर संक्रांति के दिन सुबह-सुबह स्नान करना शुभ माना जाता है। लोग पवित्र नदियों में स्नान कर पुण्य अर्जित करते हैं।
- दर्शन: मकर संक्रांति के दिन मंदिरों में दर्शन करने और पूजा-पाठ करने का भी महत्व होता है। लोग भगवान सूर्य को अर्घ्य देते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
- खिचड़ी और तिल के लड्डू: मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी और तिल के लड्डू बनाकर खाने की परंपरा है। यह स्वादिष्ट और पौष्टिक व्यंजन हैं जो मकर संक्रांति के उत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
- दान-पुण्य: जैसा कि पहले बताया गया है, मकर संक्रांति के दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है। लोग गरीबों और जरूरतमंदों को वस्त्र, अन्न, दान देते हैं और उनका सहयोग करते हैं।
मकर संक्रांति एक ऐसा पर्व है जो हमें प्रकृति के साथ जुड़ने, नई शुरुआत करने और खुशियां मनाने का अवसर प्रदान करता है। यह एक ऐसा त्यौहार है जो हमें सिखाता है कि जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, लेकिन हमें हमेशा आशावादी रहना चाहिए और सूर्य की तरह प्रकाश फैलाना चाहिए।
मकर संक्रांति की शुभकामनाएं!